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Showing posts from January, 2016

ख्वाबोँ का सफ़र - एक आत्मकथा

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बलजीत यादव के ख्वाबोँ की दुनिया का सफ़र तब शुरू हुआ जब वो अपनी भैसों को खेतों में चराने ले जाया करता। डंडी लिए हुए भैसों को इधर उधर हांकता बलजीत बोरियत से बचने के लिए धीरे - धीरे ख्वाबों की एक दुनिया बुनने लगा। और घर पर बड़े भाई की चिल्लाहट ने उन ख्वाबों को पर लगा दिए। जब भी वो भाई की डांट सुनता तो, अपने ख़्वाबों के संसार में जा उड़ता जो उसे कभी जंगलों की सैर कराते तो कभी रेगिस्तान की। सोचता था जंगल में भाग जाएगा और वो वही पेड़ों पर सोएगा। बाहरी चमचमाती दुनिया से कटा हुआ बलजीत सोचता कि वो जंगल में फलों के सहारे जी लेगा और पेड़, पशु और पंछियों से दोस्ती कर लेगा। कक्षा में सबसे पीछे बैठने वाला बलजीत नजर कम होने की वजह से धीरे - धीरे आगे आने लगा और फिर सब बच्चों से आगे बोर्ड के बिलकुल पास बैठने लगा। उसके बावजूद बोर्ड पर अक्षर दिखाई न पड़ने के कारण वो साथी बच्चों की कॉपियां मांगकर घर लाने लगा। एक दिन बलजीत के पापा ने देखा कि वो दूसरे बच्चों की कॉपियां घर लाता है तो इसका कारण पूछ बैठे। और दूसरे ही दिन जनाब को गावं में सबसे कम उम्र में चश्मे लगाने का गौरव प्राप्त हो गया। जिससे गावं वालों क

फरहान का प्यार

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  फरहान का प्यार चाय की टपरी। चार पांच कुर्सिया। एक  मेज़। दो लड़के २४ -२५ साल के चाय लिए हुए आते है। सलीम : ( आह की आवाज़ के साथ कुर्सी पर आराम करने की स्टाइल में बैठते हुए) हाँ भाई अब बता अपनी स्टोरी। लड़की का क्या नाम बता रहा था तू ? फरहान : मीता। सलीम : मीता। वो Social Enterpreneurship वाली ? (थोड़ी ऊँची आवाज़ में ) वाह भाई की choice तो गजब है।  फरहान : (हसते हुए ) हाँ लड़की ठीक है। सलीम : तो कब से चल रहा है अपने हीरो का प्यार का चक्कर ? फरहान : बस दो महीनों से। सलीम : (चौंकते हुए ) दो महीनो से और हमें हवा भी नहीं लगने दी।  फरहान : अरे नहीं ! सोचा जब बात पूरी बन जाए तब ही बताऊ। ये बात सबसे पहले तुझे ही बता रहा हूँ अभी किसी को नहीं पता ये बात।  सलीम: रहने दे साले। प्यार के आते ही हम तो पराये हो गए। आजकल तो हम तेरे दर्शन को भी तरसते है।  फरहान : अरे नहीं। (हलकी मुस्कराहट के साथ ) कोई प्यार वियार नहीं है। सलीम : (बात काटते हुए ) आए हाय। चेहरा तो देखो देखो जनाब का। अरे भैया ख़ुशी की लाली टपक रही है आपके चेहरे से।  फरहान : (हंसी को रोकने के अंदाज़ में नीचे देखते हुए