फरहान का प्यार

 फरहान का प्यार


चाय की टपरी। चार पांच कुर्सिया। एक  मेज़। दो लड़के २४ -२५ साल के चाय लिए हुए आते है।
सलीम : ( आह की आवाज़ के साथ कुर्सी पर आराम करने की स्टाइल में बैठते हुए) हाँ भाई अब बता अपनी स्टोरी। लड़की का क्या नाम बता रहा था तू ?

फरहान : मीता।

सलीम : मीता। वो Social Enterpreneurship वाली ? (थोड़ी ऊँची आवाज़ में ) वाह भाई की choice तो गजब है। 

फरहान : (हसते हुए ) हाँ लड़की ठीक है।

सलीम : तो कब से चल रहा है अपने हीरो का प्यार का चक्कर ?

फरहान : बस दो महीनों से।

सलीम : (चौंकते हुए ) दो महीनो से और हमें हवा भी नहीं लगने दी। 

फरहान : अरे नहीं ! सोचा जब बात पूरी बन जाए तब ही बताऊ। ये बात सबसे पहले तुझे ही बता रहा हूँ अभी किसी को नहीं पता ये बात। 

सलीम: रहने दे साले। प्यार के आते ही हम तो पराये हो गए। आजकल तो हम तेरे दर्शन को भी तरसते है। 

फरहान : अरे नहीं। (हलकी मुस्कराहट के साथ ) कोई प्यार वियार नहीं है।

सलीम : (बात काटते हुए ) आए हाय। चेहरा तो देखो देखो जनाब का। अरे भैया ख़ुशी की लाली टपक रही है आपके चेहरे से। 

फरहान : (हंसी को रोकने के अंदाज़ में नीचे देखते हुए ) कुछ भी। लगता है सुबह से तुझे कोई बकरा नहीं मिला हलाल करने के लिए। जो मेरी ही लेने पे तुला हुआ है। 

सलीम : (हँसते हुए ) चल छोड़ ये बता तेरी उससे दोस्ती कैसे हुई ?

फरहान : अरे वो गौरव के बर्थडे पर उसके घर पार्टी थी।  पहली बार वही मिली थी। उस दिन थोड़ी बातें हुई। कुछ ज्यादा ही इंटरेस्ट दिखाया उसने मुझमे। पर मैंने ज्यादा भाव नहीं दिए।

सलीम : वाह मेरे शेर !

फरहान : अरे सही में उस वक़्त मैं जानवी के साथ था ना। 

सलीम : तो भाईसाहब ये जानवी से मीता पर आपका ह्रदय परिवर्तन कैसे हुआ ?

फरहान : गौरव की पार्टी के बाद हम लोग कैंपस में दो चार बार मिले। चाय वाय पी साथ में। 

सलीम: और हमारे राजकुमार को प्यार हो गया। 

फरहान : हाहाहा। हाँ कुछ ऐसा ही। 

सलीम : यार तू तो बॉलीवुड के हीरो से भी फ़ास्ट निकला प्यार करने के मामले में। मतलब किसी लड़की ने बात करनी चालू की नहीं कि भाईसाहब को डायरेक्ट प्यार।

फरहान : नहीं नहीं।  वो ही स्टार्टिंग से कुछ ज्यादा ही इंटेरेस्ट दिखा रही थी। 

सलीम : पर उसका तो कॉलेज में कोई बॉयफ्रेंड था ना ?

फरहान : हाँ।

salim : अबे ! फिर तू अपनी वहां कटवाने क्यों चला गया ?

फरहान : उसके साथ अच्छा नहीं चल रहा। वो distance रिलेशनशिप है ना। 

सलीम: भाई सुन। एक फ्री की एडवाइस देता हूँ।  ये बॉयफ्रेंड वाली लड़कियों से ना थोड़ा बच कर ही रहना। पता नहीं कब इनका पुराना प्यार जाग जाए और तेरे जैसे बेचारे का फालतू में चुतिया कट जाए। 

फरहान : यार ऐसी कोई बात नहीं है। तू मुझे जानता ही है। आजतक पड़ा हूँ कभी ऐसे मामले में ? पर यार इस लड़की की बात ही कुछ और है। जब वो बातें करते करते अपनी मोटी मोटी आँखें  nikalkar dekhti है ना तो कसम से  ..... पूछ  मत। 

सलीम मुंह पर ऊँगली रखे हुए है और गर्दन हिलाता है। 

फरहान : अब ये बता तेरा भाई क्या करे ?

सलीम : ( बंद मुंह से ) हु की आवाज़ निकालता है। 

फरहान : ( गुस्से से ) मैं उठकर जाऊं ? अबे साले तुझे किसलिए लाया हूँ मैं यहाँ ? एक तो फ्री की चाय पी गया। 

सलीम : यार मैं सुन तो रहा हूँ। 

फरहान : ज्यादा नौटंकी की तो मैं चला जाऊंगा।

सलीम : अच्छा बाबा ठीक है। एक काम कर तू जाकर उसको बोल दे कि तू उसका आशिक़ बन गया है।

फरहान - पर अगर उसने मना कर दिया तो ?

सलीम : (एकदम सीरियस अंदाज़ में ) तो मत बोल।

फरहान : थोड़ा सोचकर।  बोल ही देता हूँ। देखा जाएगा जो भी होगा।

सलीम : अरे बोल दे।  बोल दे। हाँ कर ही देगी। यार तेरे जैसे स्मार्ट बन्दे को हाँ नहीं करेगी तो किसको करेगी ? वैसे भी बड़े अच्छे लगते हो साथ में।

फरहान :   ले ले। साले अच्छे से ले ले। 

सलीम : अरे नहीं यार सच बोल रहा हूँ। चल तुझे प्यार हुआ है इस ख़ुशी में मेरी तरफ से हॉटस्पॉट में पार्टी।  

फरहान : हाँ चल। वैसे भी हाँ करे या ना करे अपनी ओल्ड मोंक तो है ही अपने साथ।

Comments

Popular posts from this blog

पारो और चाय

खूनी उम्मीद