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देश के जज्बाती युवाओं के नाम एक खुला पत्र

देश के जज्बाती युवाओं के नाम एक खुला पत्र मित्रों, इस खत को लिखते वक़्त ना ही मैं गर्व महसूस कर रहा हूँ और ना ही निराशा। पर हाँ एक अजीब की सिकुडन में फंसा हुआ लगता हूँ। आज जब कभी मैं सोशल मीडिया पर देश के भविष्य की टिप्पणियां पढता हूँ तो मुझे लगता है कि आज का युवा केवल सही और गलत की बंटाधार लड़ाई में बट चूका है। वो शायद अपनी तर्कसंगत वाली पहचान खो चूका है या उसकी सोचने की शक्ति पर पहरा है।  नई सोच की उम्मीदों वाले देश में ही आज सोचने पर पहरा लग गया है  और ये पहरा किसी और ने नहीं हम सब ने अपने आप लगाया है।  ऐसा नहीं है कि ये कोई नई चीज़ है या इत्तिहास में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। परंतु आज की आधुनिक दुनिया ने सोचने की अक्षमता को कई गुना शक्ति प्रदान की है . ऐसे व्यक्ति जिनको देसी भाषा में भेड़ चाल चलने वाला कहा जाता है एक दायरे में आ गए है। उनको अपने आपको सही करार देने का मौका हाथ में मिला हुआ है। स्तिथि यह है की एक इंसान अपने आपको सही करार देता ही है की उसके दायरे (साझी सोच) वाले लोग उसको महान बताकर उसका प्रचार प्रसार करने लग जाते है। तो वही उसके विपक्षि  (विरोधी सोच) वाले लोग उसे झूठा स

इंतज़ार

आज तुम अभी तक नहीं आई हो, मैं कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी। याद है जब तुम पहली बार आई थी तब से ही तुम मेरी चहेती बन गयी थी। तुम जब सीना तानकर मेरे सामने खड़ी होती तो लगता कि मेरे हठपन को चुनौती दे रही हो। तुम कहती कि मैं तुम्हारे रास्तें में रुकावट बन कर खड़ी  हूँ और तुम्हे मंजिल पहुँचने में बेवजह देरी पहुंचाती हूँ। तुम सही भी थी क्योँकि तुमको ना जाने कितनी बार मुझसे और मेरी सहेलियो से टकराना पड़ता था। क्या करे हमारी मंजिल भी यही और हमारा घर भी यही। हमें तो रोजाना बस एक जगह खड़े खड़े तुम जैसो को सलामी ठोकनी पड़ती है। आखिर हमारा नसीब तुम्हारे जैसा कहाँ, जो पूरा शहर घूमने को मिलें। ना जाने कितने ही चेहरे अलग अलग प्रतिक्रिया लिए हुए तुम्हारे साथ सफर करते है। वो सभी तुम्हारे साथ मंजिल को पाने की दौड़ में शामिल हो जाते हैं। कुछ थोड़े दुखी होते है, तो कुछ उत्साह से भरे हुए, कुछ तुम्हे समय पर आता देख ख़ुशी से झूम उठते है तो कुछ तुम्हारे लेट होने की वजह से जमाने से लेकर मौसम तक और नेताओ से लेकर अपनी नौकरी सभी चीजोँ को बारी बारी कोसते है। हालांकि तुम्हे देखते ही सब-कुछ भुलाकर दौड़ पड़ते