पारो और चाय - अध्याय ३
अन्ना की टपरी पर दस्तक देते ही सामने खड़ी पारो जोर से सलीम को गले लगा लेती है ये कहती हुई -आज मैं बहुत खुश हूँ सलीम। सच में बहुत खुश।
सलीम बस कन्धा बना खड़ा रहता है। फिर पारो उसके दोनों कंधो को पकड़कर सलीम की तरफ देखते हुए कहती है -I Love Akash. You know yesterday he came to my house with chocolates, cake and roses. That was a such a great surprise yaar. I was very happy. मैं सातवें आसमान पर हूँ।
सलीम: पर मुझे तो तू यही दिख रही है।
पारो: हाहाहा। मजाक मत उड़ा मेरा। चल अाजा चाय पीते है।
सलीम : नहीं यार, आज चाय पीने का मन नहीं है। बस सिगरेट पीऊंगा।
पारो: ओये क्यों? चल पीले पीले। यार अन्ना की चाय भी ना एक पल के लिए बस.... सब कुछ भुला देती है।
सलीम: सच में? फिर तो तेरे को ये भी याद नहीं होगा की मैं कौन हूँ? आकाश तो याद रहता है ना या उसे भी भूल जाती है।
पारो: हरामी, साले। बस कर। जब देखो तब बकवास चालू कर देता है।
सलीम: हाँ भई, हमारी बातें तो बकवास ही लगेगी और आकाश की बातें तो कोयल की सी बोली।
पारो: मार खाएगा या अपने आप चुप होगा।
सलीम : अच्छा चल ये बता, आकाश इतनी सारी चीज़े लाया कैसे? उसे तो टूथब्रश भी नहीं खरीदनी आती।
पारो: वही तो। उसने मेरे लिए कितने सारे efforts लिए। बहुत क्यूट है यार वो।
सलीम: ( दबी आवाज़ में) हाँ लड़का अच्छा है।
पारो : बस, बस। ज्यादा बड़ाई मत कर। इतना तो हर कोई करता है। मुझसे अच्छा नहीं है वो। ये बता तेरा काम कैसा चल रहा है।
सलीम: बस कट रही है जिंदगी। कर बार ऐसा लगता है की पूरी जिंदगी इस कंप्यूटर के सामने ही कट जाएगी।
पारो: हां यार, क्या क्या सपने देखे थे जब कॉलेज में थे कि नौकरी लगने के बाद ये करेंगे, वो करेंगे, पूरी दुनिया घूमेंगे। अब यह साला घर जाने का भी टाइम नहीं है।
सलीम: कॉलेज के भी दिन थे यार। मत याद दिला उन्हें। रोना आता है।
पारो: हाँ सबका हाल ऐसा ही है। सब मशीन बन चुके है। चल चलते है। तेरा मोटू तो कुछ नहीं कहेगा पर मेरा सडु तो पुरे ऑफिस को अपनी भद्दी गालियों से भर देगा।
सलीम हु की आवाज़ के साथ गर्दन हिलाते हुए चल देता है।
सलीम हिंदुस्तानी
सलीम बस कन्धा बना खड़ा रहता है। फिर पारो उसके दोनों कंधो को पकड़कर सलीम की तरफ देखते हुए कहती है -I Love Akash. You know yesterday he came to my house with chocolates, cake and roses. That was a such a great surprise yaar. I was very happy. मैं सातवें आसमान पर हूँ।
सलीम: पर मुझे तो तू यही दिख रही है।
पारो: हाहाहा। मजाक मत उड़ा मेरा। चल अाजा चाय पीते है।
सलीम : नहीं यार, आज चाय पीने का मन नहीं है। बस सिगरेट पीऊंगा।
पारो: ओये क्यों? चल पीले पीले। यार अन्ना की चाय भी ना एक पल के लिए बस.... सब कुछ भुला देती है।
सलीम: सच में? फिर तो तेरे को ये भी याद नहीं होगा की मैं कौन हूँ? आकाश तो याद रहता है ना या उसे भी भूल जाती है।
पारो: हरामी, साले। बस कर। जब देखो तब बकवास चालू कर देता है।
सलीम: हाँ भई, हमारी बातें तो बकवास ही लगेगी और आकाश की बातें तो कोयल की सी बोली।
पारो: मार खाएगा या अपने आप चुप होगा।
सलीम : अच्छा चल ये बता, आकाश इतनी सारी चीज़े लाया कैसे? उसे तो टूथब्रश भी नहीं खरीदनी आती।
पारो: वही तो। उसने मेरे लिए कितने सारे efforts लिए। बहुत क्यूट है यार वो।
सलीम: ( दबी आवाज़ में) हाँ लड़का अच्छा है।
पारो : बस, बस। ज्यादा बड़ाई मत कर। इतना तो हर कोई करता है। मुझसे अच्छा नहीं है वो। ये बता तेरा काम कैसा चल रहा है।
सलीम: बस कट रही है जिंदगी। कर बार ऐसा लगता है की पूरी जिंदगी इस कंप्यूटर के सामने ही कट जाएगी।
पारो: हां यार, क्या क्या सपने देखे थे जब कॉलेज में थे कि नौकरी लगने के बाद ये करेंगे, वो करेंगे, पूरी दुनिया घूमेंगे। अब यह साला घर जाने का भी टाइम नहीं है।
सलीम: कॉलेज के भी दिन थे यार। मत याद दिला उन्हें। रोना आता है।
पारो: हाँ सबका हाल ऐसा ही है। सब मशीन बन चुके है। चल चलते है। तेरा मोटू तो कुछ नहीं कहेगा पर मेरा सडु तो पुरे ऑफिस को अपनी भद्दी गालियों से भर देगा।
सलीम हु की आवाज़ के साथ गर्दन हिलाते हुए चल देता है।
सलीम हिंदुस्तानी
Great SIR! Very very interesting!
ReplyDeleteBahut bahut dhanyawad bhai. Hum aapke aabhari hai.
DeleteBahut bahut dhanyawad bhai. Hum aapke aabhari hai.
DeleteBahut bahut dhanyawad bhai. Hum aapke aabhari hai.
ReplyDeleteBada sajeev vartalaap lagaa bhai.. Bahut sahi..
ReplyDeleteBada sajeev vartalaap lagaa bhai.. Bahut sahi..
ReplyDeletedhanyawad bhai...
Deletebas jindgi ab asi hi khanii hai, subhe sadiyal boss or rat ko biwi ki daant khaani hai.. :)
ReplyDeletebas jindgi ab asi hi khanii hai, subhe sadiyal boss or rat ko biwi ki daant khaani hai.. :)
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