मुबारक हो! आपकी सरकारी नौकरी लगी है l


हमने जिन्दगी को कितना काम्प्लेक्स बोले तोह टेढ़ा मेढ़ा बना दिया है l गावों में 15-20 हजार में मस्त जिन्दगी गुजर सकती है मगर आजकल हर कोई शर्मा जी के बेटे से compare करने लगा है l मैं ये जानना चाहता हूँ कितना कमाना काफी (enough) होता है? अगर आप लोगों को मालूम हो तो मुझे जरुर बताएगा l चलिए आज सरकारी नौकरी की बात कर लेते है l आपको बचपन से बताया जाता है खूब पढ़ाई लिखाई करो और उस फलाना चाचा की तरह सरकारी अफसर बन जाओ l

Photo credit: Indian Express 
चलिए आपने मेहनत की और 10 lakh लोगों से कशमकश कर सरकारी नौकरी ले ली, तो क्या होता है? क्या आपको चैन की जिन्दगी बिताने का मौका मिल जाता है? answer is no. क्यों अब क्या हुआ? सरकारी नौकरी लगते ही आपको रुतबा दिखाना पड़ेगा और इसके लिए आपको एक बड़ा सा बिना जरुरत वाला मकान बनाना पड़ेगा l चलिए जैसे-तैसे आपने मकान बना लिया l अब आपकी शादी की बारी है, आपकी शादी आपसे तीन गुणा बड़े औकात यानि हौदा वाले घर में होगी l अब क्या है दो चार साल पहले आप एक अलग समाज का हिस्सा थे अब आपका समाज अलग हो गया है l आपकी जिन्दगी आधी तो ससुराल वालों के स्टेटस के लेवल पर होने में चली जाएगी और अब बची जिंदगी बच्चों के पढ़ाने पर l
आप जितने बड़े अफसर आपकी उतनी बड़ी insecurity सीधा-सीधा बोले तो tension l अब बड़ा अफसर छोटे स्कूल में तो बच्चों को नहीं पढ़ा सकता l अब आपकी बची कुची जवानी बच्चों के classmates के स्टेटस के लेवल को maintain करते करते चली जाएगी l
सवाल अभी भी यही है कि अफसर बनकर आपने अपने लिए क्या किया? हम इस सवाल पर discuss करेंगे पर इससे पहले थोडा कॉलेज का भी जिक्र कर लेते है l अगर आप बहुत बड़े अफसर है तो आपके बच्चे विदेश जाएँगे ही जाएँगे l और आधे वही के हो जाएँगे l आधे वापस आएँगे मगर आधे l

अच्छा जैसे ही बच्चों की पढ़ाई पूरी होती है और नौकरी की बात आती है तो क्या होता है ? तब आप एक नया हीरो बनकर उभरते है l आपके पास अथाह वक्त होता है और आप अपनी सालों की मेहनत पर क्रेडिट लेना चालु करते हैl  अब आपको अपनी वीरता, साहस, बुधिमानी पर गर्व होगा l और इस गर्व का स्वाद केवल आप नहीं बल्कि समाज के हर घर में चखा जाएगा l आप अपनी वीरता की उन्माद में इतने मस्त हो जाएँगे कि आपके अपने परिवार में आपके अपने बच्चे उन वीरता की कहानियों के निच्चे कुचले जाएँगे l वो कितना भी कर ले या कुछ भी कर ले वो आपकी वीरता की बराबरी कभी नहीं कर पाएँगे l
और एक दिन थक हारकर वो शर्मा जी के बच्चे बन जाएँगे या जिंदगी भर शर्मा जी बच्चों की वीरता की कहानियां सुनेंगे l
और एक दिन आप जीते हुए, हारे हुए, थके से, अपने से लोगों को अपने सिरहाने पाएंगे और शायद गर्व भी महसूस कर रहे होंगे मगर तब तक बहुत देर हो चुकी होगी l  और आपकी मुलाकात अपने नहीं, शर्मा जी के बच्चों से होगी l

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