सरकारी स्कूल अच्छे है ।
यह गाँव का आँगन है । ज्ञान का प्रांगण है । यहाँ मेलजोल है । लोगों का तालमेल है । बिना मोल है फिर भी अनमोल है । इधर-उधर भागता बचपन है । चारों और शोर है । सामुदायिक है । लोकतान्त्रिक है । ये इसका भी है । उसका भी है । जोड़ता है अपनों से इसका कोई स्वार्थ नहीं । गाँव-मोहल्ला की शान है । एकता-भाईचारा इसके प्राण है । हमारे पूर्वजों ने खून-पसीनों से इसके आँगन को सींचा है । यहाँ पीढ़ियाँ पढ़ी है । सदियों से आगे बड़ी है । यहाँ बड़े-बड़े घराने पढे है । पढ़कर यहाँ से छोटे-2 घराने भी घड़े है । ये इसका भी है । उसका भी है । ये जो सरकारी स्कूल है । अच्छा है । सच सा है ।